संधि किसे कहते हैं?
संधि दो या दो से अधिक शब्दों के मिलने से होने वाला परिवर्तन है। जब दो शब्द मिलते हैं तो उनके अंतिम और प्रथम वर्णों में परिवर्तन होता है। इसे ही संधि कहते हैं।
संधि के छह प्रकार होते हैं:
- स्वर संधि: जब दो स्वर मिलते हैं तो स्वर संधि होती है।
- व्यंजन संधि: जब दो व्यंजन मिलते हैं तो व्यंजन संधि होती है।
- विसर्ग संधि: जब विसर्ग किसी स्वर या व्यंजन से मिलता है तो विसर्ग संधि होती है।
- अनुस्वार संधि: जब अनुस्वार किसी स्वर या व्यंजन से मिलता है तो अनुस्वार संधि होती है।
- यण संधि: जब यण किसी स्वर या व्यंजन से मिलता है तो यण संधि होती है।
- वृद्धि संधि: जब वृद्धि किसी स्वर या व्यंजन से मिलता है तो वृद्धि संधि होती है।
उदाहरण:
- स्वर संधि:
- देव + इंद्र = देवेंद्र
- राम + अवतार = राम अवतार
- व्यंजन संधि:
- भानु + उदय = भानूदय
- सम् + तोष = संतोष
- विसर्ग संधि:
- नः + इदम् = नः इदम्
- अहम् + इति = अहम् इति
- अनुस्वार संधि:
- अं + ग = अंग
- अं + च = अंच
- यण संधि:
- य + अ = यः
- य + उ = युः
- वृद्धि संधि:
- अ + आ = आ
- अ + इ = ई
संधि हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सीखने से आपकी हिंदी भाषा की समझ और लेखन कौशल में सुधार होगा।
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